Bangladesh की प्रधानमंत्री शेख हसीना के जीवन में उनके पति M. A. Wazed Miah का व्यक्तित्व बेहद महत्वपूर्ण रहा है। अक्सर लोग उन्हें “sheikh hasina husband” के नाम से जानते हैं, लेकिन वह एक ग़ज़ब के परमाणु वैज्ञानिक, लेखक, शोधकर्ता और उच्च नैतिक मूल्यों वाले इंसान थे। विज्ञान, शिक्षा और देश के विकास में उनका योगदान आज भी सम्मान के साथ याद किया जाता है।
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प्रारंभिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
एम. ए. वाजेद मिया का जन्म 16 फरवरी 1942 को रांगपुर जिले के पीरगंज क्षेत्र में हुआ था। उनका परिवार साधारण लेकिन शिक्षित था।
बचपन से पढ़ाई में तेज होने के साथ-साथ विज्ञान के प्रति उनकी गहरी रुचि उनके भविष्य का रास्ता तय कर रही थी।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से पूरी की और मैट्रिक रांगपुर जिला स्कूल से पास किया। इसके बाद उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में करियर बनाने का फैसला किया, जिसने उन्हें आगे चलकर Bangladesh के महान वैज्ञानिकों में शामिल कर दिया।
उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक सफर की शुरुआत
इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने ढाका विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक और मास्टर डिग्री हासिल की।
उच्च अध्ययन के बाद वे शोध कार्य के लिए विदेश गए, जहाँ उन्होंने परमाणु भौतिकी में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया।
उनकी शोध क्षमता और विज्ञान की गहरी समझ ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाने लगा। वे कठिन वैज्ञानिक विषयों को भी सरलता से समझाने की क्षमता रखते थे।
परमाणु विज्ञान में करियर और उपलब्धियाँ
पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन से शुरुआत
अपने वैज्ञानिक करियर की शुरुआत उन्होंने पाकिस्तान एटॉमिक एनर्जी कमीशन से की, जहाँ वे महत्वपूर्ण न्यूक्लियर रिसर्च प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे थे।
Bangladesh लौटने के बाद महत्वपूर्ण योगदान
बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद वे वापस देश आए और Bangladesh Atomic Energy Commission (BAEC) से जुड़ गए।
कुछ समय बाद उन्हें इसका चेयरमैन भी नियुक्त किया गया।
उनकी वैज्ञानिक दृष्टि, नेतृत्व क्षमता और शोध का अनुभव देश में परमाणु ऊर्जा अनुसंधान के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।
उनकी मुख्य विशेषताएँ
- परमाणु ऊर्जा और रिएक्टर विज्ञान में शोध
- विज्ञान शिक्षा को सरल बनाना
- युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करना
- भौतिकी व अन्य विषयों पर कई पुस्तकों की रचना
उनकी कई पुस्तकें आज भी विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती हैं।
sheikh hasina husband के रूप में उनका निजी जीवन
एम. ए. वाजेद मिया ने 17 नवंबर 1967 को शेख हसीना से विवाह किया। इसलिए लोग उन्हें अक्सर “sheikh hasina husband” के रूप में जानते हैं, लेकिन उनकी पहचान इससे कहीं अधिक व्यापक थी।
विवाह और परिवार
विवाह के बाद उन्होंने निजी और पेशेवर जीवन में अद्भुत संतुलन बनाए रखा। उनके दो बच्चे हुए—
- सजीब वाजेद जॉय – टेक नीति विशेषज्ञ
- साइमा वाजेद – मानसिक स्वास्थ्य व ऑटिज़्म विशेषज्ञ
वाजेद मिया बेहद सरल, शांत और विनम्र स्वभाव के थे। उन्होंने कभी राजनीति में दखल नहीं दिया और अपना ध्यान केवल विज्ञान, शोध और परिवार पर केंद्रित रखा।
विशेषकर 1975 के कठिन दौर में वे परिवार के लिए मजबूत सहारा बने रहे।
स्वास्थ्य समस्याएँ और निधन
जीवन के अंतिम वर्षों में उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएँ होने लगीं—
- उच्च रक्तचाप
- हृदय रोग
- किडनी समस्या
- डायबिटीज
- अस्थमा
लंबी बीमारी के बाद 9 मई 2009 को ढाका में उनका निधन हुआ। उन्हें उनके पैतृक गांव पीरगंज में दफनाया गया।
उनकी मृत्यु पूरे देश के लिए एक गहरी क्षति थी।
विरासत और सम्मान
उनकी मृत्यु के बाद भी उनका प्रभाव उतना ही जीवंत है। कई शैक्षणिक संस्थानों, शोध केंद्रों और विज्ञान भवनों का नाम उनके नाम पर रखा गया है।
उनकी लिखी पुस्तकें और विज्ञान के प्रति उनका समर्पण आज भी युवा वैज्ञानिकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
उन्होंने साबित किया कि ज्ञान, नैतिकता और अनुशासन देश और समाज के लिए अमिट योगदान छोड़ सकते हैं।
निष्कर्ष
संक्षेप में, sheikh hasina husband के रूप में पहचाने जाने वाले एम. ए. वाजेद मिया एक महान वैज्ञानिक और अद्भुत इंसान थे।
उनका जीवन—संघर्ष, शोध, समर्पण और नैतिकता—हम सबके लिए प्रेरणादायक है।
उनकी शांत लेकिन प्रभावशाली विरासत आज भी इतिहास पर गहरी छाप छोड़ती है।
FAQ’s
1. क्या sheikh hasina husband जिंदा हैं?
नहीं, एम. ए. वाजेद मिया का निधन 9 मई 2009 को लंबी बीमारी के बाद हुआ था।
2. शेख हसीना के परिवार का क्या हुआ?
1975 में राजनीतिक घटनाओं के दौरान उनके परिवार पर हमला हुआ जिसमें उनके पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान और कई परिवारजन मारे गए।
शेख हसीना और उनकी बहन उस समय विदेश में होने के कारण बच गईं।
3. क्या शेख हसीना और एम. ए. वाजेद मिया की शादी अरेंज्ड थी?
हाँ, दोनों परिवारों की सहमति से यह पारंपरिक शादी 1967 में हुई थी।
4. वाजेद मिया किस पेशे से जुड़े थे?
वे एक उच्च दर्जे के परमाणु वैज्ञानिक थे और बांग्लादेश एटॉमिक एनर्जी कमीशन में महत्वपूर्ण पदों पर रहे।
5. क्या वाजेद मिया के बच्चे किसी महत्वपूर्ण पद पर हैं?
हाँ,
- सजीब वाजेद जॉय – टेक नीति व डिजिटल डेवलपमेंट विशेषज्ञ
- साइमा वाजेद – मानसिक स्वास्थ्य व ऑटिज़्म के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत



