Operation Mahadev: भारतीय सेना का साहसी अभियान | Indian Army’s Mahadev Operation in Jammu & Kashmir

Operation Mahadev








Operation Mahadev: भारतीय सेना का साहसी अभियान | Indian Army’s Brave Mission in Jammu & Kashmir

Operation Mahadev: भारतीय सेना का साहसी अभियान | Indian Army’s Mahadev Operation in Jammu & Kashmir

ऑपरेशन महादेव, जो 27 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के घने जंगलों में हुआ, एक ऐसा सैन्य अभियान था जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। यह सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं थी, बल्कि भारतीय सेना की निपुणता, समर्पण और रणनीतिक क्षमता का अद्वितीय उदाहरण थी। इस Operation Mahadev में भारतीय सेना ने पाकिस्तान से प्रशिकषित
Pahalgam-attack
करने वाले आतंकवादियों की एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया।

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हमले की पृष्ठभूमि और गुप्त सूचना

पहलगाम हमले के बाद से ही भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियां जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में पूरी तरह से अलर्ट थीं। भारतीय खुफिया एजेंसियों को जुलाई के मध्य में सूचना मिली कि पुंछ के नर खास जंगलों में कुछ संदिग्ध गतिविधियाँ देखी गई हैं। रिपोर्टों के अनुसार, तीन से चार आतंकवादी भारतीय सीमा में प्रवेश कर चुके थे और बड़े पैमाने पर हमला करने की योजना बना रहे थे।

जैसे ही यह जानकारी सेना को मिली, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, जम्मू-कश्मीर पुलिस और भारतीय सेना ने मिलकर एक संयुक्त अभियान – ऑपरेशन महादेव की योजना बनाई।

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आतंकियों की पहचान और स्केच जारी

सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्रीय CCTV फुटेज, खुफिया इनपुट और स्थानीय नागरिकों से मिली जानकारी का सहारा लिया। इसके आधार पर 25 जुलाई को एक संदिग्ध आतंकवादी का स्केच जारी किया गया, जिससे स्थानीय लोगों में सतर्कता बढ़ाई गई और क्षेत्र को घेराबंदी के लिए चिन्हित किया गया।

इन आतंकियों के पास से खतरनाक हथियार, IED, नक्शे और पाकिस्तान से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए, जिससे साफ हो गया कि वे सुरक्षा बलों या आम जनता पर बड़ा हमला करने वाले थे।

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की शुरुआत: कब और कैसे?

27 जुलाई 2025 की सुबह करीब 5:30 बजे, पुंछ के नर खास जंगल में सेना ने तलाशी अभियान शुरू किया। लगभग 8:15 बजे, आतंकवादियों ने सेना पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद करीब तीन घंटे तक मुठभेड़ चली। जवाबी कार्रवाई में सभी आतंकवादी ढेर कर दिए गए।

इस
Operation Mahadev में दो भारतीय जवान और एक जेसीओ घायल हुए, जिन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

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Operation Mahadev के बाद की स्थिति और तस्वीरें

मुठभेड़ समाप्त होने के बाद घटनास्थल से पाकिस्तानी हथियार, गोलाबारूद, नक्शे और दस्तावेज बरामद हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वायरल हुई तस्वीरों में जले हुए पेड़, खून के धब्बे और टूटी-फूटी झाड़ियाँ दिख रही थीं, जो इस ऑपरेशन की तीव्रता को दर्शाते हैं।

इन तस्वीरों में वह स्थान भी शामिल था जहां आतंकियों को घेरा गया और ढेर किया गया, जिसे बाद में सुरक्षा एजेंसियों ने सील कर दिया।

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निष्कर्ष

ऑपरेशन महादेव (Operation Mahadev) केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारतीय सेना और खुफिया तंत्र की एक संगठित और अत्यधिक रणनीतिक पहल थी। पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकियों द्वारा रचे गए एक बड़े हमले को समय रहते विफल करके सेना ने देश को एक बड़ी त्रासदी से बचाया।

यह Operation Mahadev न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि जब देश की सुरक्षा की बात आती है, तो भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहती है। नेटवर्क और तेजी से लिए गए निर्णय की जीत थी। इसने समय रहते एक बड़ी आतंकवादी साजिश को नाकाम करके दिखाया कि भारत अपनी सीमाओं और अपने लोगों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।


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