भारत में हर साल income tax return due date टैक्सपेयर्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण तारीख होती है। यह वह समय सीमा है जिसके अंदर करदाताओं को अपना ITR filing पूरा करना होता है
अगर कोई व्यक्ति समय पर income tax return filing नहीं करता, तो उसे पेनाल्टी, ब्याज और अन्य कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
लेकिन इस बार पेशेवर संस्थानों और टैक्सपेयर संगठनों ने सरकार से समय सीमा बढ़ाने की मांग की है।
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वर्तमान समय सीमा क्या है ?
- वर्तमान में गैर-ऑडिट मामलों के लिए income tax return due date 15 सितंबर 2025 तय की गई है। वहीं जिन टैक्सपेयर्स को ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होती है
- उनके लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 है। लाखों करदाता अब भी income tax e filing पोर्टल पर अपनी फाइलिंग पूरी नहीं कर पाए हैं।
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 5.3 करोड़ ITR दाखिल हो चुके हैं, जबकि अनुमान है कि 8 करोड़ से अधिक रिटर्न फाइल किए जाएंगे।
- यानी स्पष्ट रूप से बहुत से लोग अभी भी income tax filing कर रहे हैं। यही कारण है कि बहुत से पेशेवर संगठन समय सीमा बढ़ाना चाहते हैं।
क्यों बढ़ाई जाए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख ?

1. पोर्टल पर तकनीकी समस्याएँ-
कई टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स का कहना है कि income duty e form पोर्टल पर बार- बार waiters crimes आते हैं । confirmation crimes, slow uploads, और लॉगिन downtime जैसी समस्याएँ बहुत आम हो गई हैं । जब पोर्टल सही से काम नहीं करता, तो समय पर ITR form करना मुश्किल हो जाता है ।
2. फॉर्म्स( Form) का देर से जारी होना-
इस साल ITR के कई फॉर्म्स और ऑडिट यूटिलिटी जुलाई- अगस्त में ही जारी हुईं । जैसे ITR- 5, ITR- 6, ITR- 7 और Form 3CA/ 3CB/ 3CD । जब फॉर्म्स देर से आते हैं तो टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को तैयारी का पर्याप्त समय नहीं मिल पाता ।
3. त्यौहार और छुट्टियाँ –
सितंबर- अक्टूबर का समय भारत में त्यौहारों का मौसम होता है । इस दौरान कई दिन राष्ट्रीय छुट्टियाँ रहती हैं । ऐसे में काम की गति स्वाभाविक रूप से धीमी हो जाती है और income duty return filing समय पर पूरा करना मुश्किल हो जाता है ।
4. अनुपालन का बोझ –
टैक्सपेयर और प्रोफेशनल्स को सिर्फ income duty form ही नहीं करनी होती, बल्कि GST, MCA filing और अन्य कानूनी रिपोर्टिंग की जिम्मेदारियाँ भी निभानी होती हैं । जब सब काम एक साथ आते हैं तो दबाव और बढ़ जाता है ।
5. दंड और वित्तीय जोखिम –
अगर कोई व्यक्ति समय पर itr form नहीं कर पाता, तो उस पर धारा 234F के तहत जुर्माना लग सकता है । साथ ही, carry forward of losses का अधिकार भी खो सकता है । ब्याज और penalty टैक्सपेयर पर अतिरिक्त बोझ डालती है ।
संगठनों की मांगें क्या हैं ?
- lawyers Tax Bar Association( ATBA) ने सरकार से मांग की है कि गैर- ऑडिट मामलों में income duty return due date को बढ़ाकर 15 अक्टूबर 2025 किया जाए ।
- ऑडिट मामलों में टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 करने का सुझाव दिया गया है ।
- Institute of Chartered Accountants of India( ICAI) ने भी यही मांग की है कि ऑडिट मामलों की रिपोर्ट दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए ।
ये मांगें केवल समय की कमी नहीं बल्कि तकनीकी समस्याओं और अत्यधिक अनुपालन बोझ को देखते हुए की जा रही हैं ।
टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए ?
1 . जल्द तैयारी शुरू करें
भले ही सरकार itr filing last date को आगे बढ़ाए या न बढ़ाए, टैक्सपेयर्स को अपनी तैयारी पहले ही शुरू कर देनी चाहिए। दस्तावेज़ों की जांच करें, Form 26AS और AIS को मिलाएँ और सभी आवश्यक जानकारी अपडेट करें।
2. ई-फाइलिंग पोर्टल पर समय से लॉगिन करें
income tax e filing पोर्टल पर आखिरी दिनों में भीड़ बढ़ जाती है जिससे errors आ सकते हैं। बेहतर होगा कि टैक्सपेयर कुछ दिन पहले ही income tax return filing कर लें।
3. पेशेवर सलाह लें
अगर आपका केस जटिल है या आपको ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करनी है, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेना समझदारी होगी।
अगर समय सीमा नहीं बढ़ी तो क्या होगा ?
अगर सरकार ने income tax return due date आगे नहीं बढ़ाई, तो टैक्सपेयर्स को मौजूदा तारीखों का पालन करना होगा। इसका मतलब है कि -:
- 15 सितंबर 2025 तक गैर-ऑडिट मामलों का ITR दाखिल करना अनिवार्य होगा।
- 31 अक्टूबर 2025 तक ऑडिट मामलों का ITR और रिपोर्ट जमा करना ज़रूरी होगा।
यदि समय पर फाइलिंग नहीं हुई तो पेनाल्टी, ब्याज और नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष –
हर टैक्सपेयर के लिए income tax return due date अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस बार, पेशेवर संस्थानों ने समय सीमा बढ़ाने की मांग की है ताकि करदाताओं को तकनीकी समस्याओं से बचाया जा सके। देर से जारी हुए फॉर्म्स और त्यौहारों की वजह से राहत मिल सके।
भले ही सरकार इस मांग को स्वीकार करे या न करे, टैक्सपेयर्स के लिए बेहतर यही होगा कि वे समय रहते itr filing पूरी कर लें। समय पर income tax return filing करने से न केवल दंड और ब्याज से बचा जा सकता है बल्कि टैक्स प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ता है।
Author Name: Sohel
Instagram ID: @sohelkhan45667
FQS –
1. Income tax return due date 2025 क्या है ?
गैर-ऑडिट मामलों के लिए इस साल की income tax return due date 15 सितंबर 2025 है। वहीं ऑडिट मामलों के लिए अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2025 तय की गई है।
2. अगर मैं income tax return due date तक ITR दाखिल नहीं कर पाया तो क्या होगा ?
अगर आप समय सीमा तक itr filing नहीं कर पाए तो धारा 234F के तहत जुर्माना लगेगा। साथ ही ब्याज और carry forward of losses का अधिकार भी खो सकते हैं।
3. क्या इस साल ITR filing last date बढ़ाई जाएगी ?
कई संगठनों ने सरकार से income tax return due date को आगे बढ़ाने की मांग की है। लेकिन सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
4. Income tax e filing पोर्टल पर कौन-कौन सी दिक्कतें आ रही हैं ?
यूज़र्स को validation errors, लॉगिन timeout, slow uploads और फॉर्म mismatches जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यही कारण है कि प्रोफेशनल्स समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
5. क्या ITR filing के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद लेना ज़रूरी है ?
साधारण मामलों में आप खुद भी income tax e filing कर सकते हैं। लेकिन यदि आपका केस जटिल है या ऑडिट रिपोर्ट लगती है, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट की मदद लेना सुरक्षित रहेगा।
6. ITR देर से फाइल करने पर पेनाल्टी कितनी हो सकती है ?
income tax return filing देर से करने पर अधिकतम ₹5,000 तक का जुर्माना लग सकता है। अगर आपकी सालाना आय ₹5 लाख से कम है तो पेनाल्टी ₹1,000 तक सीमित रहेगी।
7. ITR filing last date बढ़े तो क्या पेनाल्टी से राहत मिलेगी ?
हाँ, अगर सरकार ITR filing last date को आगे बढ़ाती है, तो निर्धारित नई तारीख तक फाइल करने पर पेनाल्टी और ब्याज नहीं लगेगा।
8 . Income tax filing करने के फायदे क्या हैं ?
समय पर income tax filing करने से आप दंड और ब्याज से बचते हैं, आसानी से लोन और वीज़ा अप्लाई कर सकते हैं और अपने वित्तीय रिकॉर्ड को मजबूत रखते हैं।



