नवंबर एकादशी 2025 : जानिए शुभ तिथि, व्रत विधि और दिव्य महत्व

Ekadashi November 2021

एकादशी व्रत हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना गया है। यह व्रत हर माह दो बार आता है — एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। कार्तिक और अगहन मास की एकादशियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण होती हैं क्योंकि इस समय भगवान विष्णु की आराधना का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। इस लेख में जानिए —
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Ekadashi November 2021 – तिथि, महत्व और पूजा विधि

प्रमुख एकादशियाँ

2021 में नवंबर महीने में तीन प्रमुख एकादशियाँ पड़ी थीं —

  • राम एकादशी – 1 नवंबर 2021
  • देवउठनी एकादशी – 14 नवंबर 2021
  • उत्पन्ना एकादशी – 30 नवंबर 2021

धार्मिक महत्व

  • राम एकादशी पर श्रीराम और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
  • देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
  • उत्पन्ना एकादशी को पापों से मुक्ति और आत्मिक उन्नति देने वाली तिथि माना गया है।

पूजा विधि

  • सूर्योदय से पहले स्नान कर विष्णु भगवान की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
  • तुलसी पत्र, पंचामृत, पीले फूल और पीले वस्त्र अर्पित करें।
  • दिनभर उपवास रखें और शाम को विष्णु आरती करें।
  • अगले दिन द्वादशी तिथि में पारणा करें।

Ekadashi November 2022 – तिथि और महत्व

2022 में नवंबर माह में दो प्रमुख एकादशियाँ आई थीं —

  • देवउठनी एकादशी (प्रबोधिनी)4 नवंबर 2022
  • उत्पन्ना एकादशीअंतिम सप्ताह में

धार्मिक महत्व

  • देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा से उठते हैं।
  • इसी दिन से विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
  • उत्पन्ना एकादशी मानसिक शांति और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का प्रतीक है।

पूजा विधि

  • स्नान कर विष्णु भगवान की पूजा करें, तुलसी पत्र अर्पित करें।
  • फल, दूध, मखाना, और खीर का सेवन करें।
  • शाम को दीपदान करें और भजन-कीर्तन करें।

Ekadashi Kab Hai November 2023 – तिथि और पूजा विधि

2023 में नवंबर माह में दो प्रमुख एकादशियाँ थीं —

  • देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल पक्ष)
  • उत्पन्ना एकादशी (कार्तिक कृष्ण पक्ष)

महत्व

  • यह एकादशी मानसिक शांति और भक्ति की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर देती है।
  • इस दिन तुलसी विवाह भी किया जाता है जो अत्यंत शुभ माना जाता है।

पूजा विधि

  • प्रातःकाल स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करें।
  • तुलसी को जल अर्पित करें और दीपक जलाएँ।
  • पूरे दिन उपवास रखें और शाम को आरती करें।
  • अगले दिन तिथि समाप्त होने के बाद पारणा करें।

Ekadashi November 2025 – तिथि, समय और महत्व

आने वाले वर्ष 2025 में एकादशी 1 नवंबर 2025 को पड़ेगी और पारण 2 नवंबर 2025 की सुबह किया जाएगा।

तिथि और समय

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 1 नवंबर 2025, सुबह 9:11 बजे
  • समाप्ति: 2 नवंबर 2025, सुबह 7:31 बजे

धार्मिक महत्व

  • इस दिन भगवान विष्णु योग-निद्रा से जागते हैं — इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।
  • इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन किया जाता है।
  • शुभ कार्यों की शुरुआत इसी दिन से मानी जाती है।

पूजा विधि

  • स्नान के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएँ।
  • तुलसी की पूजा करें और पीले फूल अर्पित करें।
  • व्रत के दौरान फलाहार करें।
  • अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर व्रत पूर्ण करें।

एकादशी व्रत का वैज्ञानिक और आध्यात्मिक महत्व

  • उपवास करने से शरीर में विषाक्त तत्व कम होते हैं और पाचन तंत्र को आराम मिलता है।
  • मानसिक एकाग्रता और आत्मसंयम में वृद्धि होती है।
  • यह दिन भक्ति, संयम और आत्मशुद्धि का प्रतीक है।
  • मन में धैर्य, करुणा और सकारात्मकता का संचार होता है।

निष्कर्ष

हर वर्ष नवंबर माह की एकादशियाँ भक्तों के लिए भक्ति और आस्था का पर्व लेकर आती हैं।
Ekadashi November 2021, 2022, 2023 और 2025 — सभी एकादशियाँ भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर देती हैं।
इन दिनों व्रत, दान और भक्ति करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

FAQ’s –

1. नवंबर में एकादशी की तारीख क्या है?
हर वर्ष नवंबर में दो एकादशियाँ आती हैं — हरिवोधिनी (देवउठनी) और उत्पन्ना एकादशी। वर्ष 2025 में देवउठनी एकादशी 2 नवंबर को है।

2. देवउठनी एकादशी 2025 कब है?
वर्ष 2025 में यह रविवार, 2 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी।

3. नवंबर में एकादशी किस तारीख को होती है?
आमतौर पर नवंबर में दो एकादशियाँ — शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आती हैं। 2023 में यह 11 और 25 नवंबर को थी।

4. क्या 14 अक्टूबर 2024 को एकादशी थी?
हाँ, 14 अक्टूबर 2024 को पापांकुशा एकादशी थी, जो आश्विन मास में आती है।

5. तुलसी विवाह कब होता है?
तुलसी विवाह देवउठनी एकादशी के दिन होता है — वर्ष 2025 में यह 2 नवंबर को मनाया जाएगा।

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