मेहराज मलिक कौन हैं? डोडा से AAP का पहला विधायक और अब PSA में गिरफ्तारी

Mehraj malik

भारतीय राजनीति में समय-समय पर ऐसे नेता सामने आते हैं जो बड़े दलों को कड़ी टक्कर देकर इतिहास रचते हैं। इन्हीं में से एक हैं Mehraj Malik जिन्हें हिन्दी में मेहराज मलिक के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में डोडा सीट जीत कर भाजपा को हराया और आम आदमी पार्टी (AAP) को जम्मू-कश्मीर में पहला स्थान दिलाया।

माना जाता है कि उनकी जीत सिर्फ चुनावों से नहीं हुई, बल्कि आम लोगों की नई राजनीति और बदले हुए विचारों से हुई है। मेहराज मलिक, एक साधारण परिवार से आते हैं, ने साबित किया कि ईमानदारी और जनता से जुड़ाव ही असली पूंजी हैं।

व्यक्तिगत जीवन एवं पृष्ठभूमि –

  • Mehraj Malik का जन्म 1988 में डोडा ज़िले में हुआ। यह क्षेत्र सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील है। उन्हें बचपन से ही कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा, और यही संघर्ष उन्हें राजनीति में आने की प्रेरणा दी। उन्होंने डोडा में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की, फिर जम्मू विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त की।
  • यहीं से उन्होंने एम.ए. (राजनीतिक विज्ञान) और बी.एड. की डिग्री हासिल की। उन्हें राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई ने राजनीति के सिद्धांतों और व्यवहारों को बेहतर समझने में मदद की।
  • परिवार की पृष्ठभूमि भी बिल्कुल साधारण रही। उनके पिता शम्मस उ-दिन खेती-बाड़ी और छोटे-मोटे कामों से परिवार का पालन-पोषण करते थे। यही कारण है कि मेहराज मलिक हमेशा गरीब और आम जनता की समस्याओं को अपनी प्राथमिकता मानते हैं।

राजनीति की शुरुआत और संघर्ष –

  • राजनीति में आने से पहले Mehraj Malik सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर कई बार आवाज़ उठाई।
  • 2018 के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। उनका पहला बड़ा राजनीतिक पड़ाव तब आया जब वे District Development Council (DDC) चुनाव में कहरा (Kahara) क्षेत्र से चुने गए। इस जीत ने उन्हें स्थानीय स्तर पर पहचान दिलाई और वे सीधे जनता के बीच लोकप्रिय हो गए।

विधानसभा चुनाव 2024 : ऐतिहासिक जीत –

Mehraj malik

2024 का विधानसभा चुनाव Mehraj Malik के जीवन का सबसे अहम पड़ाव रहा। आम आदमी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में अपनी किस्मत आज़माने के लिए उन्हें डोडा सीट से उम्मीदवार बनाया।

डोडा को हमेशा से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन मेहराज मलिक ने यहां की जनता को यह विश्वास दिलाया कि वे उनकी आवाज़ बन सकते हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने बेरोज़गारी, सड़क, पानी और बिजली जैसी समस्याओं पर जोर दिया।

नतीजों में Mehraj Malik ने भाजपा उम्मीदवार को करीब 4500 वोटों से हराकर इतिहास रच दिया। यह जीत केवल एक सीट की जीत नहीं थी बल्कि AAP का जम्मू-कश्मीर में पहला कदम भी थी।

संपत्ति एवं दायित्व –

चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में Mehraj Malik ने अपनी आर्थिक स्थिति का जो विवरण दिया, उसने लोगों को चौंका दिया। जहाँ अधिकतर नेता करोड़ों की संपत्ति घोषित करते हैं, वहीं उनकी संपत्ति बेहद सीमित है।

  • नकद राशि (Cash in hand): ₹ 25,000
  • बैंक / वित्तीय संस्थानों में जमा राशि: ₹ 4,000
  • कुल बैंक व नकद: लगभग ₹ 29,070
  • चल संपत्ति: ₹ 29,070
  • देन-दायित्व (कर्ज): लगभग ₹ 2,00,000
  • अपराधिक मामले: 6 मामले दर्ज, लेकिन किसी में दोषसिद्धि नहीं।

यह जानकारी साफ़ करती है कि मेहराज मलिक अब भी साधारण जीवन जीने वाले और ईमानदार नेता माने जाते हैं।

उपलब्धियाँ और जनसेवा –

Mehraj Malik ने अपने छोटे राजनीतिक करियर में ही बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

  • जनता से सीधा संवाद रखना
  • युवाओं की समस्याओं को प्राथमिकता देना
  • डोडा जैसे पहाड़ी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएँ लाने का वादा करना
  • भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ आवाज़ उठाना
  • उनकी यही छवि उन्हें डोडा में लोकप्रिय बनाती है।

विवाद और गिरफ्तारी : क्यों और कैसे हुई ?

सितंबर 2025 में डोडा ज़िला अचानक चर्चा में आ गया जब यहां हिंसक झड़पें और तनावपूर्ण घटनाएँ हुईं। प्रशासन के अनुसार, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएँ बंद करनी पड़ीं और कई लोगों को हिरासत में लेना पड़ा।

इसी दौरान Mehraj Malik को भी Public Safety Act (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। PSA जम्मू-कश्मीर का एक कठोर क़ानून है जिसके तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के लंबे समय तक हिरासत में रखा जा सकता है।

गिरफ्तारी के कारण –

  • प्रशासन का आरोप था कि मेहराज मलिक ने भीड़ को भड़काने में भूमिका निभाई।
  • उनके खिलाफ पहले से दर्ज मामलों को देखते हुए उन्हें “कानून-व्यवस्था के लिए खतरा” बताया गया।
  • सुरक्षा एजेंसियों ने माना कि उनकी रैलियों और भाषणों से हालात बिगड़ सकते हैं।

कैसे हुई गिरफ्तारी –

8 सितंबर 2025 को डोडा में स्थिति तनावपूर्ण थी। पुलिस और सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया। इसी दौरान विधायक आवास पर जाकर पुलिस ने Mehraj Malik को गिरफ्तार किया और उन्हें सीधे जम्मू ले जाया गया।

समर्थकों की राय –

हालांकि, उनके समर्थक और AAP कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह गिरफ्तारी राजनीतिक साज़िश है। उनका आरोप है कि भाजपा और अन्य दलों को उनकी लोकप्रियता से डर है और इसलिए प्रशासन ने यह कदम उठाया।

भविष्य की चुनौतियाँ और उम्मीदें –

  • Mehraj Malik के सामने अब दोहरी चुनौती है।
  • एक तरफ उन्हें अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करना है।
  • दूसरी तरफ, उन्हें अपनी राजनीतिक छवि को बरकरार रखना है ताकि गिरफ्तारी जैसी घटनाओं से उनकी लोकप्रियता को नुकसान न पहुँचे।
  • डोडा जैसे पहाड़ी क्षेत्र में सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा सबसे बड़े मुद्दे हैं। जनता उम्मीद कर रही है कि वे विधानसभा में इन समस्याओं को गंभीरता से उठाएँगे।

निष्कर्ष –

Mehraj Malik की कहानी यह साबित करती है कि राजनीति में ईमानदारी और संघर्ष अभी भी जनता को प्रभावित कर सकते हैं। साधारण परिवार से निकलकर विधानसभा तक पहुँचना और फिर पहली ही कोशिश में भाजपा को हराना बड़ी उपलब्धि है।
हालांकि, उनकी गिरफ्तारी ने राजनीति को नया मोड़ दे दिया है।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस संकट से कैसे बाहर निकलते हैं और जनता का विश्वास कैसे बनाए रखते हैं। निस्संदेह, मेहराज मलिक अब केवल डोडा के विधायक नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक अहम किरदार बन चुके हैं।

Author: Sohel
Instagram: @sohelkhan45667

FQS –

Q1. Mehraj Malik कौन हैं ?
Mehraj Malik (मेहराज मलिक) जम्मू-कश्मीर की डोडा विधानसभा से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हैं। वे 2024 में चुनाव जीतकर AAP का जम्मू-कश्मीर में पहला खाता खोलने वाले नेता बने।

Q2 . मेहराज मलिक ने किसे हराकर चुनाव जीता था ?
2024 के विधानसभा चुनाव में मेहराज मलिक ने डोडा सीट से भाजपा उम्मीदवार को लगभग 4500 वोटों के अंतर से हराया।

Q3 . Mehraj Malik की शिक्षा और पृष्ठभूमि क्या है ?
मेहराज मलिक ने जम्मू विश्वविद्यालय से M.A. (Political Science) और B.Ed. की पढ़ाई की है। वे साधारण परिवार से आते हैं और उनके पिता का नाम शम्मस उ-दिन है।

Q4 . मेहराज मलिक की संपत्ति और बैंक बैलेंस कितना है ?
चुनाव हलफनामे के अनुसार, उनके पास कुल नकद और बैंक बैलेंस लगभग ₹29,070 है, जबकि देनदारियाँ (कर्ज) करीब ₹2 लाख हैं।

Q5 . Mehraj Malik की गिरफ्तारी क्यों हुई ?
सितंबर 2025 में डोडा जिले में हुई हिंसक झड़पों के बाद मेहराज मलिक को Public Safety Act (PSA) के तहत गिरफ्तार किया गया। प्रशासन का कहना है कि वे कानून-व्यवस्था के लिए खतरा थे, जबकि समर्थकों का मानना है कि यह राजनीतिक कारणों से की गई कार्रवाई थी।

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