रबी-उल-अव्वल का महीना इस्लामी कैलेंडर में बहुत महत्वपूर्ण है। यह महीने था जब पैगम्बर हज़रत मोहम्मद صلى الله عليه وسلم का जन्म हुआ था। दुनिया भर में मुसलमान Eid Milad-un-Nabi या eid e milad के रूप में मनाते हैं।
साल 2025 इस पर्व के लिहाज़ से और भी ख़ास है, क्योंकि यह वर्ष पैग़म्बर के जन्म के 1500 साल पूरे होने का प्रतीक है। यही कारण है कि eid milad un nabi 2025 को लेकर पूरे इस्लामी जगत में उत्साह और श्रद्धा का माहौल है।
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Eid Milad-un-Nabi 2025 कब है ?
इस बार milad un nabi 2025 की शुरुआत 4 सितंबर की शाम से होगी और इसका समापन 5 सितंबर 2025 की शाम को होगा।
इस्लामी परंपरा के अनुसार यह पर्व 12 रबी-उल-अव्वल को मनाया जाता है। हालांकि कुछ शिया मुस्लिम समुदाय इसे 17 रबी-उल-अव्वल के दिन भी मनाते हैं।
भारत समेत कई देशों में सरकार द्वारा 5 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन बैंक, स्कूल और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे ताकि लोग धार्मिक गतिविधियों में शामिल हो सकें।
1500वीं वर्षगांठ: क्यों है 2025 इतना खास ?
साल 2025, eid e milad की ऐतिहासिक यात्रा में एक मील का पत्थर है। पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ के जन्म के 1500 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। यह न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि इतिहास की दृष्टि से भी एक अद्भुत अवसर है।
मुंबई जैसे शहरों में पहले ही कई दरगाहों पर 1500वीं जन्म जयन्ती के जश्न की तैयारियाँ शुरू हो चुकी हैं।
हाजी अली और महिम दरगाह पर 12 दिन तक विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, लखनऊ और अन्य शहरों में प्रशासन ने शांति और भाईचारे के साथ eid milad 2025 मनाने की अपील की है।

Eid Milad-un-Nabi का इतिहास –
eid milad की शुरुआत इस्लामिक दुनिया में कई सदियों पहले हुई। इतिहासकारों के अनुसार यह पर्व सबसे पहले मिस्र में फातिमी वंश द्वारा मनाया गया था।
- इसके बाद यह परंपरा सीरिया, तुर्की, मोरक्को और स्पेन तक फैल गई।
- भारत में इस पर्व की शुरुआत सूफी संतों और बरेलवी परंपरा के माध्यम से हुई।
- आज यह न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है।
eid milad un nabi 2025 के मौके पर लोग पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ की शिक्षाओं को याद करते हैं और समाज में शांति, भाईचारे और करुणा का संदेश फैलाते हैं।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व –
भाईचारा, मानवता और समानता पैगम्बर मोहम्मद صلى الله عليه وسلم की शिक्षाओं का मूल था। Eid Milad-un-Nabi का असली महत्व इन सिद्धांतों का स्मरण करने और उनका पालन करने में है।
- यह पर्व हमें दया, प्रेम और सत्यनिष्ठा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
- eid e milad के अवसर पर मुस्लिम समुदाय कुरान की तिलावत करता है और नात-ए-शरीफ गाते हैं।
- गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद करना इस पर्व की एक अहम परंपरा है।
- साल 2025 में जब हम eid milad un nabi 2025 मना रहे हैं, तो यह केवल एक उत्सव नहीं बल्कि पैग़म्बर की दी हुई शिक्षा को पुनः जीवन में अपनाने का अवसर भी है।
उत्सव और परंपराएँ (Celebrations) –
- दुनियाभर में milad un nabi 2025 बड़े जोश और श्रद्धा से मनाया जाएगा।
- मस्जिदों और दरगाहों को रोशनी और सजावट से सजाया जाता है।
- जगह-जगह जुलूस निकाले जाते हैं, जिसमें नात-ए-शरीफ और कव्वालियाँ प्रस्तुत की जाती हैं।
- धार्मिक प्रवचन होते हैं, जिनमें पैग़म्बर के जीवन और उनके संदेशों पर प्रकाश डाला जाता है।
- समुदाय के लोग मिलकर गरीबों को खाना, कपड़े और ज़रूरी सामान वितरित करते हैं।
- कई स्थानों पर इस्लामी साहित्य और किताबों की प्रदर्शनियाँ भी लगाई जाती हैं।
भारत में खासतौर पर मुंबई, हैदराबाद, लखनऊ, दिल्ली और भोपाल जैसे शहरों में eid milad के मौके पर शानदार जुलूस और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
भारत में Eid Milad-un-Nabi 2025 –
- Eid Milad Un Nabi 2025 भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब में बहुत महत्वपूर्ण है।
- मुंबई: हाजी अली और महिम दरगाह पर हजारों श्रद्धालु जुटते हैं और विशेष नात-ख़्वानी होती है।
- लखनऊ: इमामबाड़ों और मस्जिदों में रौनक रहती है और प्रशासन शांति बनाए रखने के लिए विशेष प्रबंध करता है।
- हैदराबाद: पुराने शहर में विशाल जुलूस निकलता है और घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया जाता है।
- भोपाल और दिल्ली: मस्जिदों में कुरान की तिलावत, दुआ और गरीबों में खाना बाँटने का प्रचलन है।
भारत की विविधता इस पर्व को और भी सुंदर बना देती है क्योंकि अलग-अलग जगहों पर इसे अपने अनूठे अंदाज़ में मनाया जाता है।
1500 वर्ष और वैश्विक महत्व –
साल 2025 की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि milad un nabi 2025 पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ की जन्म-जयन्ती के 1500 साल पूरे होने के साथ मनाया जाएगा। यह अवसर दुनियाभर के मुसलमानों के लिए गर्व और आस्था का प्रतीक है।
कई देशों में इस मौके पर इंटरफेथ संवाद, स्वास्थ्य शिविर, सामूहिक दुआ और सेवा कार्यों का आयोजन किया जा रहा है। इससे शांति और भाईचारे का संदेश दिया जा रहा है, न सिर्फ मुस्लिमों को।
प्रेरणादायक संदेश और दुआएँ –
- Eid Milad-un-Nabi 2025 का अवसर सबको याद दिलाता है
- इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है।
- शांति और भाईचारा हर समाज की बुनियाद है।
- गरीबों और ज़रूरतमंदों की मदद करना असली इबादत है।
- लोग सोशल मीडिया पर भी दुआएँ और शुभकामनाएँ साझा करते हैं जैसे —
- “1500 वर्षों की रोशनी, मोहब्बत और शांति का संदेश लेकर आया eid milad un nabi 2025।”
पैग़म्बर की शिक्षाएँ हमें इंसानियत की राह दिखाती हैं, इस eid e milad पर उन्हें जीवन में उतारें।
निष्कर्ष –
Eid Milad-un-Nabi 2025 केवल एक धार्मिक पर्व नहीं बल्कि मानवता और भाईचारे का उत्सव है। इस बार की 1500वीं वर्षगांठ इसे और भी ऐतिहासिक बना देती है।
भारत और पूरी दुनिया में जब लोग eid milad मनाएँगे, तो यह अवसर होगा पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ की शिक्षाओं को याद करने, ज़रूरतमंदों की मदद करने और शांति व मोहब्बत की राह पर आगे बढ़ने का।
यह पर्व हमें यह सिखाता है कि अगर हम अपने जीवन में प्रेम, दया और इंसानियत को अपनाएँ, तो पूरी दुनिया को बेहतर बनाया जा सकता है।
Author Name: Sohel
Instagram ID: @sohelkhan45667
FAQs
1. Eid Milad-un-Nabi 2025 कब है ?
2025 में इस्लामी कैलेंडर के रबी-उल-अव्वल महीने की 12 तारीख को Eid Milad-un-Nabi मनाया जाएगा। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, यह 4 सितंबर की शाम से 5 सितंबर 2025 की शाम तक रहेगा।
2. Milad-un-Nabi 2025 की तारीख क्या है ?
इस साल milad un nabi 2025 की तारीख 5 सितंबर 2025 है। हालांकि चाँद दिखने पर कुछ जगहों पर यह 4 सितंबर से शुरू हो सकता है।
3. Eid Milad 2025 का महत्व क्या है ?
इस साल की eid e milad इसलिए खास है क्योंकि पैग़म्बर मोहम्मद ﷺ के जन्म को 1500 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह अवसर पूरी दुनिया के मुस्लिम समुदाय के लिए श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है।
4 . Eid Milad-un-Nabi क्यों मनाया जाता है ?
Eid Milad पैगंबर मोहम्मद صلى الله عليه وسلم के जन्म की याद में मनाया जाता है। यह दिन उनकी इंसानियत, भाईचारा, दया और समानता की शिक्षाओं को स्मरण करने और उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में लागू करने का अवसर है।
5. क्या Eid Milad-un-Nabi पर छुट्टी होती है ?
Eid Milad Un Nabi 2025 पर 5 सितंबर को भारत में आम अवकाश होगा। आज सरकारी दफ्तरों, बैंकों और स्कूलों में कोई काम नहीं है।



